यह बात तो सच है कि अपने सपनो के घर में हमें हर वसà¥à¤¤à¥ उतम पà¥à¤°à¤µà¤¤à¤¿ की चाहिà¤, फिर चाहे वो छोटी से छोटी वसà¥à¤¤à¥ ही कयो ना हो। इस बात से तो हम सà¤à¥€ वाकिफ है कि ईट और लकड़ी हमारे घर का आधार है। बाजार में बहà¥à¤¤ सी किसम की लकडियाठपाई जाती हैं, जिनमे से कà¥à¤› अपनी उतà¥à¤¤à¤® गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ के लिठपà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है तो कà¥à¤› हमें असमंजस में डाल देती हैं। पर घबराइठमत, कयोकि आपके लिठहम लेकर आठहैं उतम गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ की लकडियाà¤à¥¤ आइठजानिठलकडियों के बारे में कà¥à¤› महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ बातें।
1.सागौन / सागवन की लकड़ी
सागौन की लकड़ी अपनी उतम गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ और महंगे दाम के लिठमशहूर हैं। सागौन की लकड़ी खास तौर पर फरà¥à¤¨à¥€à¤šà¤° बनाने के लिठउपयोग में लाई जाती हैं। इस लकड़ी का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° आम फरà¥à¤¨à¥€à¤šà¤° और इंटीरियर फरà¥à¤¨à¥€à¤šà¤° बनाने के लिठहोता है। सागौन की लकड़ी को पà¥à¤°à¥‹à¤¢ माना जाता है, इसीलिठयह बहà¥à¤¤ कीमती होती है। सागौन की लकड़ी का रंग गहरा à¤à¥‚रा और हलका à¤à¥‚रा होता है, यह वजन में बहà¥à¤¤ à¤à¤¾à¤°à¥€ और मजबूत होती हैं।
2.शीशम की लकड़ी
शीशम की लकड़ी, कीमत के मामले में नमà¥à¤¬à¤° दो पर आती हैं। यह अपनी उतम गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ और टिकाऊ पन के लिठपà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है।शीशम की लकड़ी à¤à¥€ वजन में à¤à¤¾à¤°à¥€ और मजबूत होती हैं। हम इसे आराम से पहचान सकते हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इनका रंग गहरा लाल होता हैं।
3.रबड की लकड़ी
रबड की लकड़ी à¤à¤¾à¤°à¤¤ में कà¥à¤› ही वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— में आने लगी है। यही लकडियाठरबड बनाने के लिठà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— में लाई जाती हैं। यह à¤à¥€ अपनी गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ के लिठपà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है और शीशम और सागौन के मà¥à¤•à¤¾à¤¬à¤²à¥‡ कम दामो में पाई जाती हैं। रबड की लकड़ी थोड़ी लचीली होती हैं और वजन में à¤à¥€ हलकी होती हैं, इसके बावजूद यह हमारे फरà¥à¤¨à¥€à¤šà¤° को लंबी आयॠपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करती हैं।
4.चेरी की लकड़ी
चेरी की लकड़ी à¤à¥€ अपनी उतम गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ के लिठपà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है। यह वजन में à¤à¤¾à¤°à¥€ और मजबूत होती हैं। इस लकड़ी का सबसे बड़ा फायदा यह हैं कि यह समय के साथ और चमकदार और सà¥à¤‚दर हो जाती हैं और इसी कारण यह जयादा कीमती होती हैं। इस तरह की लकडियों पर कई सालों तक कोई दाग- धबà¥à¤¬à¥‡ नहीं पाठजाते।