टाइम के साथ बदलाव à¤à¥€ जरूरी है, चाहे फिर घर का फरà¥à¤¨à¥€à¤šà¤° हो या घर का इंटीरियर। जैसा कि हम हमारी ही बात करे तो हम देख सकते हैं हमने हमारी सà¥à¤– और सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ के लिठहर चीज को आसान करने की कोशिश की है और यह हमारी कड़ी मà¥à¤¹à¤£à¤¤ का ही नतीजा है कि हमने उसमे सफलता à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की है । आधà¥à¤¨à¤¿à¤• सोच और टेकà¥à¤¨à¥‹à¤²à¥‰à¤œà¥€ ने à¤à¤¾à¤°à¥€- à¤à¤°à¤•à¤® और बड़े आकार वाले सोफे को à¤à¤• हलà¥à¤•à¥‡-फूलके हवा से à¤à¤°à¥‡ à¤à¤¯à¤° सोफे में बदल दिया है जो की उठाने में सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤œà¤¨à¤• होते हैं। अगर हम इन सौफो के फायदे और आराम की बात कर रहे हैं तो हमे इनके अनदेखे नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ की तरफ à¤à¥€ धयान देना चाहिà¤à¥¤
1।हवा à¤à¤°à¤¨à¤¾ हà¥à¤† सिरदरà¥à¤¦
इस बात से तो हम सà¤à¥€ वाकिफ है कि हवा हमेशा तो इसके अंदर नहीं रहने वाली और कहीं ना कहीं से निकलने का मारà¥à¤— ढूंढ ही लेगी। इसका मतलब हफà¥à¤¤à¥‡ में à¤à¤• बार तो हमें इसमें हवा à¤à¤°à¤¨à¥€ ही पडेगी।
सोचिये, अगर हम अपने इस आरामदायक सोफे को यातà¥à¤°à¤¾ में कही लेकर जाते हैं और इसका हवा à¤à¤°à¤¨à¥‡ का मशीन घर ही à¤à¥‚ल जाते हैं तो à¤à¥€ मेरी तरफ से तो आपको बहà¥à¤¤ बहà¥à¤¤ शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤à¤‚ कयोकि पांच फीट के सोफे को à¤à¤°à¤¨à¥‡ के लिठदà¥à¤†à¤“ं की जरूरत तो होती ही है।
2। सोफे में छेद का होना
à¤à¤¯à¤° सोफे में छेद होना बहà¥à¤¤ मामूली सी बात है। अगर हवा से à¤à¤°à¥‡ सोफे में छेद हो जाता है तो सबसे बड़ा टासà¥à¤• उसे ढूंढना बन जाता हैं और उससे à¤à¥€ बडा काम उसे ठीक करना बन जाता हैं।
3।सबसे बड़ा नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ कम समयावधि
à¤à¤• आम सोफा कम से कम चौदह पंदà¥à¤°à¤¹ साल तक चलाया जा सकता है और इसके बावजूद अगर उसमें कोई परेशानी आती है तो उसे ठीक करके, पांच साल और उसका इसतेमाल किया जा सकता हैं। पर हवा à¤à¤°à¥‡ हà¥à¤ सोफे जयादा से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ तीन चार साल तक ही चलाठजा सकते हैं।